कबीर जी कौन है
संत कबीर साहेब जी
इन पुण्य आत्माओं में परमात्मा को प्राप्त किया है उन्होंने बताया कि कुल मालिक एक है वह मानव जैसा दिखता है उनका नाम कबीर साहेब है इसका प्रमाण कुरान शरीफ में आयत नंबर 19 21 52 और 58 मैं अरबी भाषा में है सतगुरु कबीर साहिब पूर्ण भरम हैं कलयुग में परमेश्वर कबीर 1455 1398 काशी बनारस में पूर्णिमा की रात को एक कमल के फूल पर प्रकट हुए थे स्नान करने के लिए जब नीरू नीमा वहां गए तो दंपत्ति को वह परमात्मा शिशु रूप में प्राप्त हुआ काजी धार्मिकता के लिए कुरान शरीफ को परमेश्वर कबीर जी के नामकरण करने के लिए आए तो उस किताब में सभी अक्षर कबीर कबीर कबीर के नाम से हो गए जब काजी ने बार-बार कुरान को उलट-पुलट कर देखा तो परमेश्वर ने कहा कि कलयुग में मेरा नाम कबीर ही रहेगा 5 वर्ष की आयु में कबीर परमेश्वर 104 वर्ष के स्वामी राम देव आनंद के शिष्य बन गए और उन्हें कबीर साहिब ने सतलोक दर्शाया एक समय सिकंदर लोदी ने नाम देव आनंद जी का कत्ल कर दिया सिकंदर राजा ने एक तलवार से गाय के दो टुकड़े कर दिए मरी हुई गाय को उन्होंने कबीर साहिब जी ने हाथ स्पर्श करके जीवित कर दिया ऐसे बहुत से प्रमाण है वेदों में प्रमाणित है संत कबीर जी परमेश्वर हैं जो पृथ्वी पर ज्ञान देने के लिए गुरु की भूमिका निभाते हैं और यह सभी कार्य करने में सफल है पवित्र शास्त्रों में प्रमाणित है जैसे कि सामवेद संख्या 1400 में संख्या नंबर 359 सामवेद अध्याय नंबर चार के खंड नंबर 25 का श्लोक नंबर 8 में प्रमाण है कि कबीर परमेश्वर तत्वज्ञान लेकर संसार में आता है वह शक्तिमान है तथा काल के कर्म रूपी किले को तोड़ने वाला है वह सर्व सुख दाता है तथा सर्व के पूजा करने योग्य है ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में प्रमाणित है कि परमात्मा मनुष्य के बच्चे के रूप में प्रकट होकर अपने वास्तविक कबीर वाणी के द्वारा निर्मल ज्ञान अपने हंस आत्माओं को कविताओं के द्वारा संबोधन करके उच्चारण करके वर्णन करता है ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में प्रमाणित है कि कबीर देव शिशु रूप धारण कर लेता है लीला करता हुआ बड़ा होता है कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है तथा संत कवि कह लाने लगता है जो कि वास्तव में पूर्ण परमात्मा कबीर ही है
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